सूर्य ग्रह के उपाय व सूर्य ग्रह की शांति


वैदिक ज्योतिष में सूर्य को नवग्रहों का राजा कहा जाता है। सूर्य के प्रभाव से मनुष्य को सम्मान और सफलता मिलती है। सूर्य से शुभ फल की प्राप्ति और अशुभ प्रभाव से बचाव के लिए कई उपाय बताये गए हैं। सूर्य मंत्र, सूर्य यंत्र और सूर्य नमस्कार समेत कई उपायों को करने से लाभ मिलता है। हर दिन नियमित रूप से सूर्य मंत्र उच्चारित करने और सूर्य नमस्कार करने से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। सूर्य ग्रह सरकारी एवं विभिन्न क्षेत्रों में उच्च सेवा का कारक माना गया है। 

वैदिक ज्योतिष के अनुसार जन्म कुंडली में सूर्य की शुभ स्थिति व्यक्ति को जीवन में उन्नति प्रदान करती है लेकिन यदि सूर्य अशुभ प्रभाव देता है, तो सम्मान की हानि, पिता को कष्ट, उच्च पद प्राप्ति में बाधा, ह्रदय और नेत्र संबंधी रोग होते हैं। जन्म कुंडली में सूर्य से संबंधित किसी भी परेशानी के समाधान के लिए करें सूर्य ग्रह से जुड़े विभिन्न उपाय।

वेश-भूषा एवं जीवन शैली से जुड़े सूर्य के उपाय: 

लाल और केसरिया रंग के वस्त्र धारण करें।

पिता जी, सरकार एवं उच्च अधिकारियों का सम्मान करें।

प्रातः सूर्योदय से पहले उठें और अपनी नग्न आँखों से उगते हुए सूरज का दर्शन करें।

विशेषतः सुबह किये जाने वाले सूर्य के उपाय:

भगवान विष्णु की पूजा करें। 

सूर्य देव की पूजा करें।

भगवान राम की पूजा करें।

आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ

सूर्य के लिये व्रत

सूर्य ग्रह का आशीर्वाद पाने हेतु रविवार को व्रत धारण किया जाता है।

सूर्य के लिये दान करें

सूर्य ग्रह से संबंधित वस्तुओं का दान रविवार को सूर्य की होरा और सूर्य के नक्षत्रों (कृतिका, उत्तरा-फाल्गुनी, उत्तरा षाढ़ा) में प्रातः 10 बजे से पूर्व किया जाना चाहिए।

दान करने वाली वस्तुएँ: गुड़, गेहूँ, तांबा, रूबि माणिक्य, लाल पुष्प, खस, मैनसिल आदि।

सूर्य का यंत्र:

सूर्य ग्रह से शुभ फल पाने के लिए रविवार के दिन सूर्य यंत्रको सूर्य की होरा एवं इसके नक्षत्र में धारण करना चाहिए।

सूर्य के लिये जड़ी:

सूर्य का आशीर्वाद पाने के लिए बेल मूल धारण करें। इस जड़ को रविवार के दिन सूर्य की होरा अथवा सूर्य के नक्षत्र में धारण करना चाहिए।

सूर्य के लिये रुद्राक्ष:

1 मुखी / 3 मुखी / 12 मुखी

एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने के लिए मंत्र: 

ॐ ह्रीं नमः।
ॐ यें हं श्रों ये।।

तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने हेतु मंत्र: 
ॐ क्लीं नमः।
ॐ रें हूं ह्रीं हूं।।

बारह मुखी रुद्राक्ष धारण करने हेतु मंत्र: 

ॐ क्रों श्रों रों नमः। 
ॐ ह्रीं श्रीं घृणि श्रीं।।

सूर्य का मंत्र:

सूर्य ग्रह को प्रसन्न करने के लिए आप सूर्य बीज मंत्र का जाप कर सकते हैं। 
मंत्र- ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नम।

वैसे तो सूर्य बीज मंत्र को 7000 बार जपना चाहिए परंतु देश-काल-पात्र सिद्धांत के अनुसार कलयुग में इस मंत्र का (7000x4) 28000 बार उच्चारण करना चाहिए।

आप इस मंत्र का भी जाप कर सकते हैं:

 ॐ घृणि सूर्याय नमः!