कुंडली में ग्रहों के भावों के आधार पर ही करें ये काम


1.कभी भी उच्च के ग्रहों का दान नहीं करना चाहिए और नीच ग्रहों की कभी पूजा नहीं करनी चाहिए।

2 .कुंडली में गुरु दशम भाव में हो या चौथे भाव में हो तो मंदिर निर्माणके लिए धन नहीं देना चाहिए यह अशुभ होता है और जातक को कभी भी फांसी तकपहुंचा सकता है।

3. कुंडली के सप्तम भाव में गुरु हो तो कभी भी पीले वस्त्र दान नहीं करने चाहिए।

4 .बारहवें भाव में चन्द्र हो तो साधुओं का संग करना बहुत अशुभ होगा। इससे परिवार की वृद्धि रुक सकती है।

5 .सप्तम/अष्टम सूर्य हो तो ताम्बे का दान नहीं देना चाहिए, धन की हानि होने लगेगी।

6. मंत्रोच्चारण के लिए शिक्षा-दीक्षा लेनी चाहिए क्योंकि अशुद्ध उच्चारण से लाभ की बजाय हानि अधिक होती है।

7. जब भी मंत्र का जाप करें उसे पूर्ण संख्या में करना जरूरी है।

8. मंत्र एक ही आसन पर, एक ही समय में सम संख्या में करना चाहिए।

9 .मंत्र जाप पूर्ण होने के बाद दशांश हवन अवश्य करना चाहिए तभी पूर्ण फल मिलता है।

10.कुछ लोग वार के अनुसार वस्त्र पहनते हैं, यह हर किसी के लिए सही नहींहोता है। कुंडली में जो ग्रह अच्छे हैं उनके वस्त्र पहनना शुभ है लेकिन जोग्रह शुभ नहीं हैं उनके रंग के वस्त्र पहनना गलत हो सकता है।

11. कईबार किसी से सलाह लिए बिना कुछ लोग मोती पहन लेते हैं, यह गलत है अगरकुंडली में चन्द्रमा नीच का है तो मोती पहनने से व्यक्ति अवसाद में आ सकताहै।

12. अक्सर देखा गया है कि किसी की शादी नहीं हो रही है तोज्योतिषी बिना कुंडली देखे पुखराज पहनने की सलाह दे देते हैं इसका उल्टाप्रभाव होता है और शादी ही नहीं होती।

13. कुंडली में गुरु नीच का, अशुभ प्रभाव में, अशुभ भाव में हो तो पुखराज कभी भी नहीं पहनना चाहिए।

14. कई लोग घर में मनी प्लांट लगा लेते हैं यहसुनकर कि इससे घर में धनवृद्धि होगी लेकिन तथ्य तो यह है कि अगर बुध खराब हो तो घर में मनी प्लांटलगाने से घर की बहन-बेटी दुखी रहती हैं।

15. कैक्टस या कांटे वालेपौधे घर में लगाने से शनि प्रबल हो जाता है अतः जिनकी कुंडली में शनि खराबहो उन्हें ऐसे पौधे नहीं लगाने चाहिए।