कुंडली से जाने अपने बारे में 9 बातें काम की


1.जातक को यदि के मद्रुम दोष या विषदोष हो,ऐसे जातक कोई भी उपाय लंबे समय तक नही कर सकते..बहुत जल्दी निराश हो जाते है..इनका ज्योतिषीय उपायो या भगवानों से बहुत जल्दी भरोसा उठ जाता है..ये कैसे लोगो के बीच रहते है इनकी सोच को बहुत प्रभावित करता है..ये लोग मंत्र जाप या पूजा में भी बैठे हो ध्यान केंद्रित नही कर पाते,मोबाइल में या इधर-उधर के विचारों में खोये रहते है...ऐसी महिलाये 30 में से कम से कम 4 दिन सब्जी-दाल में नमक डालना भूल जाती है या कम डालती है..

2.कुंडली मे यदि केंद्र में एक भी ठोस ग्रह ना हो तो जातक को हर क्षेत्र में अन्य लोगो के अपेक्षा अधिक मेहनत करनी पड़ती है...ऐसे लोग भीड़ में खुद को बहुत असहज महसूस करते है..उनको कभी 10 लोगो के बीच बोलने को कहा जाये तो घबराहट होती है.Self-Confidence बहुत कम होता है..

3.केंद्र में जितने अधिक सौम्य ग्रह होंगे,जातक के विनम्र होने का आप उतना अनुमान लगा सकते हो..जितने अधिक क्रूर ग्रह होंगे जातक की वाणी और व्यवहार उतना अकड़ू होंगा...

4.जातक सुबह जितने जल्दी उठेगा,गुरु और बुध उतना बढ़िया प्रभाव देंगे..सूर्योदय तक उठे तो सूर्य भी बढ़िया फल देंगा..9-10 बजे उठे ग्रह ठीक फल नही देते..11 बजे या उसके बाद उठे तो दिन भर राहू और शनि आप पर हावी रहेंगे..

5.जातक सूर्यास्त के पहले जितना अधिक स्वच्छ पानी पियेगा,चंद्रमा अच्छे परिणाम देंगा...मंगल आपको परेशान कर रहा हो तो दूध में शहद डालकर पीना चालू कीजिये..गुरु को बल देना हो तो दूध में हल्दी/केशर डालकर पीजिए...इसी तरह शुक्र को बल देना है तो दूध के साथ अश्वगंधा लीजिए...आप जितनी अधिक कॉफी पियोगे राहू आप पर उतना ही हावी रहेगा,कभी गौर करना अतः लंबे समय तक कॉफ़ी नही पीनी चाहिए शौकीयतौर पर पीजिये..

6.योगकारक ग्रहो से संबंधित रंग के वस्त्र धारण करने की कोशिश करे...पैंट कोई भी चलेगा पर शर्त,t-shirt,Hairband,दुपट्टा आदि...जो ग्रह समस्या दे रहे उनके रंग इस्तेमाल कम से कम करे..संभव हो तो नैलपैंट भी योगकारक में से किसी एक ग्रह का (जिसका रंग भड़काऊ ना हो) वो प्रयोग करे...

7.मोबाइल या लैपटॉप पर सन्नी लियोन या शाहरुख खान की जगह संभव हो तो श्रीयंत्र या भगवानों की फ़ोटो रखे,मन शांत रहेगा..

8.उम्र के पड़ाव के हिसाब से ही ग्रह और उनके उपाय काम करते है अतः छोटे बच्चो और बुजुर्गों पर भी ये बात लागू होती है..इनको सिर्फ भगवान की भक्ति फायदा देती है..रत्न अपना पूरा प्रभाव इनके स्किन और रक्तप्रवाह के कारण नही दिखा पाते..जिस तरह यौन उत्तेजनाओं की गोली का जितना फायदा युवा को हो सकता है उतना फायदा ना तो किसी बच्चे को होगा ना ही किसी बुजुर्ग,यही सूत्र रत्नों के ऊपर लागू होता है...

9.ग्रहो से बलवान होता है समय(काल)...समय अच्छा हो तो ग्रह भी आपको बुरा फल नही देते और जब समय खराब हो तो योगकारक ग्रह भी आपको अकेला छोड़कर हिमालय में तपस्या करने चले जाते है या फिर "आउट ऑफ कवरेज मोड" पर चले जाते है सो समय कैसा भी हो भक्ति में अपना समय अवश्य लगाये..

दुख में स्मिरण सब करे,सुख में करे ना कोय..
जो सुख में भी स्मिरण करे,तो दुख काहे को होय...