सिंह लग्न कुंडली का सम्पूर्ण विश्लेषण


सूर्य = सूर्य लग्नेश होता है तो केंद्र भी और त्रिकोण भी एक साथ स्वामी हुआ बलबान सूर्य धन राज्य स्वास्थ्य यश आदि देता है बलहीन थोडा धन, अपमान आदि देता है 

चंद्रमा= चंद्रमा 12 घर का स्वामी होता है तो इस लग्न में यह अपने बल के अनुसार काम करेगा पक्ष में बलबान और सुभ ग्रहो से युक्त हुआ तो धन मान यश आदि देगा बलहीन आँख में विकार खर्च अपयश निर्धनता आदि देगा 

मंगल= मंगल इस लग्न के लिए केंद्र और त्रिकोण का स्वामी होता है तो राजयोग कारक होता है अपनी दशा अंतर्दशा में धन मान भाग्य सुख आदि देता है बलहीन मंगल बहुत कम मात्रा में सुभ फल देगा 

बुध = बुध इस लग्न में 2 और 11 भाव के स्वामी बनता है 2 भाव है दूसरी राशि के अनुसार फल देगा तो हेल्थ स्वास्थ्य के लिए बुरा फल देगा पर आय के लिए सुभ ही होता है निर्बल बुध धन हानि परिवार से बियोग आदि देता है 

गुरु = गुरु इस लग्न में 5 और 8 भाव का स्वामी बनेगा तो मूल त्रिकोण राशि 5 में है तो गुरु दशा में सुभ ही फल देगा बलबान हो तब बलहीन होगा तब पुत्र नाश भाग्य नाश पिता की हानि आदि करेगा 

शुक्र= शुक्र इस लग्न में 3 और 10 भाव का स्वामी होता है केंद्र में होने से सुभता खो देगा और पूण्य 3 भाव का स्वामी है असुभ ही होगा तो निर्बल होना पाप ग्रहो से पीड़ित होना आर्धिक स्तिथि के लिए सुभ होगा  परन्तु स्त्री की स्वास्थ्य मित्रो छोटी बहन आदि के लिए अनिष्ठ ही करेगा 

शनि =इस लग्न के लिए शनि 6 और 7 घर का स्वामी होगा 7 भाव का स्वामी होने से असुभ नहीं पर पूण्य 6 भाव तो स्वामी भी होने से पापी ही होगा  तो अपनी दशा में रोग ऋण आदि देगा