पति पत्नी में होगा जबरदस्त प्रेम जब कुंडली में होंगे ये योग

 


पति-पत्नी के बीच नोक-झोंक होना आम बात है लेकिन कभी-कभी ये नोक-झोंक झगड़े का रूप ले लेती है और मनमुटाव की स्थिति बन जाती है। कुछ मामलों में तो पति-पत्नी के बीच अलगाव भी हो जाता है। वहीं कुछ जोड़े ऐसे भी होते हैं, जिनके बीच प्यार हमेशा बना रहता है। ज्योतिषीय दृष्टि से देखा जाए तो वर-वधू की कुंडली में ग्रहों की कुछ ऐसे स्थितियां होती हैं जो वैवाहिक जीवन में हमेशा सुख-शांति बनाए रखने में मदद करती हैं। आज हम आपको ग्रहों की ऐसी ही स्थितियों के बारे में बताएंगे जिनसे पति-पत्नी के बीच प्यार बेशुमार बना रहता है।

लग्न में बुध और शुक्र की युति होती है शुभ

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यदि किसी महिला की कुंडली में बुध-शुक्र की युति लग्न भाव यानी कुंडली के पहले घर में हो तो उनका पति उन्हें तहे दिल से प्यार करने वाला होता है। इसके साथ ही दांपत्य जीवन में टकराव की स्थिति भी कम ही बनती है और पति-पत्नि एक दूसरे को समझने वाले होते हैं। इसके साथ ही दोनों के बीच रोमांस की भी अधिकता देखने को मिलती है।

सप्तम भाव

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अगर पति-पत्नी की कुंडली के सप्तम भाव में कोई शुभ ग्रह जैसे शुक्र, बुध, गुरु या चंद्रमा विराजमान हो तो भी वैवाहिक जीवन सुखद बना रहता है। ऐसे जातक अपने वैवाहिक जीवन में चल रहे विवाद को कभी किसी से साझा नहीं करते और आपस में मिलकर वैवाहिक जीवन को सुखद बनाए रखने की कोशिश करते हैं। संतान पक्ष से भी ऐसे लोगों को संतुष्टि मिलती है। ऐसे लोग उच्च शिक्षित, विवेकी होते हैं और अपने पार्टनर की हमेशा इज्जत करते हैं।

लग्न और सप्तम भाव में हों शुभ ग्रह

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यदि किसी जातक की कुंडली के लग्न और सप्तम दोनों भावों में शुभ ग्रह विराजमान हैं तो वैवाहिक जीवन बहुत आनंनदायक होता है। बल्कि ऐसे लोगों को अक्सर शादी के बाद जीवन में सफलता मिलती है। ऐसे लोगों का पार्टनर अच्छे परिवार से ताल्लुक रखता है और शादी के बाद हमेशा अपने जीवनसाथी को खुश रखता है। ऐसे लोगों के दांपत्य जीवन को लोगों को जलन भी हो सकती है।

सप्तम भाव पर शुभ ग्रहों की दृष्टि

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गुरु, शुक्र, बुध और चंद्रमा में से एक या एक से अधिक शुभ ग्रहों की दृष्टि सप्तम भाव पर हो तो ऐसे लोगों को योग्य पार्टनर मिलता है। हालांकि बुध यदि किसी पाप ग्रह जैसे राहु, केतु, शनि, मंगल के साथ युत होकर सप्तम भाव को देख रहा हो तो सामान्य फल प्राप्त होते हैं। लेकिन यदि शुभ ग्रह यदि बिना किसी अशुभ प्रभाव के सप्तम भाव को देखते हैं तो ऐसे लोगों को वैवाहिक जीवन की गाड़ी को आगे बढ़ाने में कोई परेशानी नहीं होती।

यदि आपकी कुंडली में भी ग्रहों की ऐसी स्थिति है तो समझ जाइए आपको भी वैवाहिक जीवन में सुखद परिणाम प्राप्त होंगे। और यदि आपकी शादी नहीं हुई है तो आपको शादी कर लेनी चाहिए।