ज्योतिष के अनुसार बुध ग्रह को कुंडली का युवराज कहा जाता है, यह व्यक्ति की वाणी पर प्रभाव डालता है, बुध को कुंडली का मंत्रणा करने वाला ग्रह माना जाता है। साथ ही यह कुंडली के संचार तंत्र का मालिक होता है।
अगर कुंडली में बुध खराब हो जाए तो, सबसे पहले व्यक्ति में वाणी का दोष पैदा हो जाता है। इस स्थिति में व्यक्ति या तो हकलाने लगता है, साफ तरीके से नहीं बोल पाता, जल्दी-जल्दी में बोलता है या चीजें स्पष्ट नहीं बोल पाता है। संचार तंत्र का जो सिस्टम है वो कान, नाक और गले से ही चलता है, क्योंकि यहीं से पूरे शरीर का कम्युनिकेशन तय होता है, इसीलिए कान नाक गला सब एक दूसरे से जुड़े हुए होते हैं !
अगर बुध कुंडली में खराब है तो, कान, नाक और गले की समस्या परेशान करती है, जो लोग गूंगे-बहरे होते हैं उनकी कुंडलियों में अक्सर बुध की स्थिति अच्छी नहीं होती है। इसके अलावा बुध ग्रह का संबंध व्यक्ति के स्किन से ही होता है। इसलिए जब कुंडली बुध गड़बड़ होता है तो स्किन एलर्जी होने की संभावना बहुत ज्यादा होती है।
पेरिडॉट रत्न !
बुध दोष को ठीक करने के लिए ज्योतिष में कुछ उपाय बताए गए हैं। अगर कुंडली में बुध दोष है तो ऐसी दशा में पेरिडॉट नाम का रत्न चांदी के लॉकेट में हरे धागे में बुधवार की शाम गले में पहनना चाहिए।
यदि बुध की वजह से कान, नाक और गले की समस्या है तो, ऐसी दशा में मन ही मन या बोलकर सुबह के समय 108 बार जप करना चाहिए। साथ ही यदि बुध के कारण से स्किन की समस्या है तो, नियमित रूप से सूर्य भगवान को जल चढ़ाना चाहिए।
इसके अलावा सुबह और शाम दोनों समय बुध के मंत्र ॐ बुं बुधाय नमः का 108 बार जप करना चाहिए। तीसरा उपाय है कि, तांबे के बर्तन में रातभर पानी भरकर रखें और सुबह खाली पेट पिएं। अगर ये उपाय किए जाएं तो, बुध से संबंधित तमाम मुश्किलें दूर हो सकती हैं।